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मंत्र जगत में इंसान की सर्वप्रथम मंत्र साधना

जय काल भैरव आदरणीय नाथ सम्प्रदाय के सिद्धपुरुषो व ज्ञानीयो विद्वानो को गोविन्द नाथ देवडा कि तरफ से आदेश आदेश आदेश  मंत्र  यंत्र  और तंत्र  जगत में  इंसान जब प्रवेश करता है  तो सर्वप्रथम  उसे सर्वप्रथम सर्वोपरि  भगवान श्री गणेश की  मंत्र साधना अवश्य करनी चाहिए  उसके बाद ही  कोई  भी मंत्र साधना  करने  में सफलता अवश्य मिलती है  या हमारा  अटल विश्वास है आज हम एक शुध्द सात्विक श्री गणेश भैरव कि मन्त्रसाधना के बारे मे बताना चाहते है क्योंकि गणेश जी एक भैरव समान ही है भैरव का अर्थ ही यही होता है की सभी तरह के भय का नाश करके भरण पोषण करना भैरव का कार्यक्षेत्र होता है और कलयुग में श्री गणेश भैरव का अदभुत चमत्कारी सर्वोपरि देव कहलाते हैं कहते हैं कि इंसान कोई भी कार्य करें ,चाहे शादी का हो ,या नौकरी का हो, व्यापार का हो ,गहस्थ जीवन का ,हो सन्यासी जीवन हो  समस्याएं विघ्न आते ही रहते है अगर कोई इंसान नवरात्रि में 9 दिन तक रात्रि में  गणेश भैरव की तस्वीर के सामने बैठकर पचोंप्रकार रुप से पुजा करके मन्दिर शिवालय उच्चे पर्वत गोशाला या श्मशान में एक ही जगह एक ही निश्चित टाइम पर ही लाल आसन  बैठकर 1
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जय श्री काल भैरव आदेश साबर मंत्रों का ज्ञान 18 नवंबर को 11:09 PM बजे  ·  नाथ संप्रदाय के सिद्ध पुरुषों वा ज्ञानियों विद्वानों को गोविंद नाथ देवड़ा की तरफ से आदेश आदेश जो हमारे भय को हर लेते हैं,,, अर्थात जो हमारे सभी प्रकार के भय को जड़ से ही समाप्त कर देते हैं ,,,उन्हीं को भैरव कहते हैं,,, भैरव ऐसे देव है ,,,जिनका इस कलयुग में प्रत्यक्ष रूप से बहुत जल्द ही,,, पर्चा अर्थात असर मिलता है ,,,जिससे आम इंसान से लेकर बड़े-बड़े तांत्रिक भी घबराते हैं ,,,लेकिन भैरव उग्र होने के साथ सौम्य भी है ,,, और ये तामसिक प्रवृत्ति के लोगो के लिए उग्र है ,,,तो सा ... और देखें