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सबसे ज्यादा शक्तिशाली यंत्र की जानकारी

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🌹 ॐ गुरु गणपतए नमः  🌹 🙏  जय श्री काल भैरव  🙏 🚩   🚩  ॐ शिव गौरक्ष  🚩 🚩 आदरणीय नाथ सम्प्रदाय के सिद्ध पुरुषों व ज्ञानीयो विद्वानों को गोविन्द नाथ दैवड़ा कि तरफ से आदेश आदेश आदेश आज हम से एक ज्ञानी जन ने बहुत सुंदर और अच्छा प्रश्न पूछा की इंसान को अपने जीवन में दुख मुसीबतों के समय में भैरव जी की पूजा क्यों करनी चाहिए तो हम बाबा काल भैरव की प्रेरणा अनुसार जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं और यह कोशिश कितनी कामयाब होगी यह तो आप लोग बताएंगे जो हमारे भय को हर लेते हैं अर्थात जो हमारे सभी प्रकार के भय को जड़ से ही समाप्त कर देते हैं उन्हीं को भैरव कहते हैं भैरव ऐसे देव है जिनका इस कलयुग में प्रत्यक्ष रूप से बहुत जल्द ही पर्चा अर्थात असर मिलता है जिससे आम इंसान से लेकर बड़े-बड़े तांत्रिक भी घबराते हैं लेकिन भैरव उग्र होने के साथ सौम्य भी है शांत भी है और ये तामसिक प्रवृत्ति के लोगो के लिए उग्र है तो सात्विक प्रवृत्ति के लोगों के लिए सौम्य भी है भैरव शिव शक्ति के स्वरूप भी हैं और इनकी पूजा 52 रूपों में भी की जाती है ज्यादातर साधकों मैं काल भैरव तथा बटुक भैरव बहुत ही विख्यात ह

भगवती महाकाली की सबसे सर्वश्रेष्ठ वशीकरण मंत्र साधना

🍁 प्रणाम नाथ जी महाराज🍁 🙏🙏 मैं शंभू सिंह देवड़ा बेंगलुरु के आर पुरम से नाथ जी महाराज को शत शत नमन करता हूं मेरा भी आपसे एक प्रश्न है कि मेरी उम्र 25 साल के करीब है और मैं एक लड़की से प्यार करता हूं मगर वह लड़की मुझसे प्यार नहीं करती कृपया आप मुझे ऐसी मंत्र साधना के बारे में बताने की बताएं जिसके कारण वह लड़की सदा मेरे वश में होकर मेरी धर्मपत्नी बन जाए मैं उससे शादी करना चाहता हूं और जीवन भर उसके साथ रहना चाहता हूं इसके लिए मुझे कोई सात्विक घर में करने वाली पूजा या मंत्र साधना के बारे में बताने की कृपा करें तो आपका बहुत-बहुत एहसान होगा🙏🙏 आदेश शंभू सिंह देवड़ा जी हम आपके प्रश्न का जवाब बाबा काल भैरव की प्रेरणा के अनुसार देने की कोशिश कर रहे हैं और यह कोशिश कितनी कामयाब होगी यह तो आप लोग ही बताएंगे आदेश  पहली बात आपने वशीकरण के बारे में मंत्र साधना के बारे में पूछा है तो सर्वप्रथम वशीकरण किसे कहते हैं  जिस क्रिया द्वारा अंत करण अर्थात मन को अपने वशीभूत करके उनसे मनचाहा कार्य किया जा सकता हो उसे वशीकरण कहते हैं और  इस संसार में सारी समस्त शक्तियां उस परमात्मा की होती है

सर्वेश्वरी महा विद्या

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                       सर्वेश्वरी महा विद्या जय श्री काल भैरव आदरणीय नाथ संप्रदाय के सिद्ध पुरुषों व ज्ञानियों विद्वानों को गोविंद नाथ देवड़ा की तरफ से आदेश आदेश आदेश आज हमसे एक अति विद्वान पंडित ने पूछा कि हे नाथ जी मैंने कई लोगों से सर्वेश्वरी विद्या के बारे में सुना है क्या आप सर्वेश्वरी विद्या के बारे में जानकारी रखते हैं अगर रखते हो तो कृपया विस्तार पूर्वक बताने की कृपा करें तो  हम उन्हीं विद्वान पंडित जी के प्रश्नों का जवाब बाबा श्री कालभैरव के आदेश अनुसार देने की कोशिश कर रहे हैं यह कोशिश कितने कामयाब होगी यह तो आप लोग ही बताएंगे  आदेश सर्वप्रथम हम आपको सर्वेश्वरी विद्या के मंत्र की जानकारी का ज्ञान देते इस सर्वेश्वरी विद्या के मंत्र का पहला अक्षर है ओंकार अर्थात ब्रहमांड को संतुलित करने वाली ,,उग्रत्तम से उग्रतम उर्जा को भी संतुलित करने वाली शक्ति औकार रुपी ओम है इस मंत्र का दूसरा अक्षर है,, हं अर्थात यह महाबली संकट मोचन हनुमान जी व क्रोध भैरव का भी बीज मंत्र कहलाता  है इस बीज मंत्र से हनुमान जी की पूर्ण कृपा दृष्टि और हनुमान जी की शक्ति साधक को मिल जाती है
जय श्री काल भैरव आदरणीय नाथ संप्रदाय के सिद्ध पुरुषों व ज्ञानियों विद्वानों को गोविंद नाथ देवड़ा की तरफ से आदेश आदेश आदेश हम चाहे कितना भी सावधानी से जीवन व्यतीत करे.किन्तु जाने अनजाने हमारे शत्रु बन ही जाते है.इसका कोई भी कारण हो सकता है.परन्तु शत्रुता कैसी भी हो वो कष्ट का कारण बनती ही है.शत्रु के कारण सतत मानसिक,तथा आर्थिक कष्ट का अनुभव होता रहता है तो क्या हम शत्रु से हार मान ले नहीं कदापि नहीं जो हार मान  जाये वो बहादुर इंसान नहीं हो सकता। बहादुर इंसान तो पाताल को फोड़कर जलधारा प्रगट करने की क्षमता रखता है शत्रु आपको विचलित कर सकता है किन्तु परास्त नहीं।क्योकी आपके पास साधना करने शक्ति है.इस विषय पर आपके समक्ष सर्वेश्वरी साधना  के बारे मे जानकारी प्रस्तुत कर रहे है इस  सर्वेश्वरी विद्या के अंतर्गत  महाकाल भैरव  भगवान वीरभद्र  महाशक्ति मां भद्रकाली  की शक्ति  दिया हुआ कार्य पूरा करती है  लेकिन  इस विद्या  का संपूर्ण ज्ञान  वहीं  इंसान  दे सकता है  जिस  इंसान ने  इस सर्वेश्वरी विद्या के मंत्र का  कम से कम  10 लाख जप कर अनुष्ठान किया हो  और तथा  स्वयं  इस महाशक्ति  सर्वेश्वरी वि

मंत्र जगत में इंसान की सर्वप्रथम मंत्र साधना

जय काल भैरव आदरणीय नाथ सम्प्रदाय के सिद्धपुरुषो व ज्ञानीयो विद्वानो को गोविन्द नाथ देवडा कि तरफ से आदेश आदेश आदेश  मंत्र  यंत्र  और तंत्र  जगत में  इंसान जब प्रवेश करता है  तो सर्वप्रथम  उसे सर्वप्रथम सर्वोपरि  भगवान श्री गणेश की  मंत्र साधना अवश्य करनी चाहिए  उसके बाद ही  कोई  भी मंत्र साधना  करने  में सफलता अवश्य मिलती है  या हमारा  अटल विश्वास है आज हम एक शुध्द सात्विक श्री गणेश भैरव कि मन्त्रसाधना के बारे मे बताना चाहते है क्योंकि गणेश जी एक भैरव समान ही है भैरव का अर्थ ही यही होता है की सभी तरह के भय का नाश करके भरण पोषण करना भैरव का कार्यक्षेत्र होता है और कलयुग में श्री गणेश भैरव का अदभुत चमत्कारी सर्वोपरि देव कहलाते हैं कहते हैं कि इंसान कोई भी कार्य करें ,चाहे शादी का हो ,या नौकरी का हो, व्यापार का हो ,गहस्थ जीवन का ,हो सन्यासी जीवन हो  समस्याएं विघ्न आते ही रहते है अगर कोई इंसान नवरात्रि में 9 दिन तक रात्रि में  गणेश भैरव की तस्वीर के सामने बैठकर पचोंप्रकार रुप से पुजा करके मन्दिर शिवालय उच्चे पर्वत गोशाला या श्मशान में एक ही जगह एक ही निश्चित टाइम पर ही लाल आसन  बैठकर 1
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जय श्री काल भैरव आदेश साबर मंत्रों का ज्ञान 18 नवंबर को 11:09 PM बजे  ·  नाथ संप्रदाय के सिद्ध पुरुषों वा ज्ञानियों विद्वानों को गोविंद नाथ देवड़ा की तरफ से आदेश आदेश जो हमारे भय को हर लेते हैं,,, अर्थात जो हमारे सभी प्रकार के भय को जड़ से ही समाप्त कर देते हैं ,,,उन्हीं को भैरव कहते हैं,,, भैरव ऐसे देव है ,,,जिनका इस कलयुग में प्रत्यक्ष रूप से बहुत जल्द ही,,, पर्चा अर्थात असर मिलता है ,,,जिससे आम इंसान से लेकर बड़े-बड़े तांत्रिक भी घबराते हैं ,,,लेकिन भैरव उग्र होने के साथ सौम्य भी है ,,, और ये तामसिक प्रवृत्ति के लोगो के लिए उग्र है ,,,तो सा ... और देखें