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जय श्री काल भैरव आदरणीय नाथ संप्रदाय के सिद्ध पुरुषों व ज्ञानियों विद्वानों को गोविंद नाथ देवड़ा की तरफ से आदेश आदेश आदेश हम चाहे कितना भी सावधानी से जीवन व्यतीत करे.किन्तु जाने अनजाने हमारे शत्रु बन ही जाते है.इसका कोई भी कारण हो सकता है.परन्तु शत्रुता कैसी भी हो वो कष्ट का कारण बनती ही है.शत्रु के कारण सतत मानसिक,तथा आर्थिक कष्ट का अनुभव होता रहता है तो क्या हम शत्रु से हार मान ले नहीं कदापि नहीं जो हार मान  जाये वो बहादुर इंसान नहीं हो सकता। बहादुर इंसान तो पाताल को फोड़कर जलधारा प्रगट करने की क्षमता रखता है शत्रु आपको विचलित कर सकता है किन्तु परास्त नहीं।क्योकी आपके पास साधना करने शक्ति है.इस विषय पर आपके समक्ष सर्वेश्वरी साधना  के बारे मे जानकारी प्रस्तुत कर रहे है इस  सर्वेश्वरी विद्या के अंतर्गत  महाकाल भैरव  भगवान वीरभद्र  महाशक्ति मां भद्रकाली  की शक्ति  दिया हुआ कार्य पूरा करती है  लेकिन  इस विद्या  का संपूर्ण ज्ञान  वहीं  इंसान  दे सकता है  जिस  इंसान ने  इस सर्वेश्वरी विद्या के मंत्र का  कम से कम  10 लाख जप कर अनुष्ठान किया हो  और तथा  स्वयं  इस महाशक्ति  सर्वेश्वरी वि