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सर्वेश्वरी महा विद्या

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                       सर्वेश्वरी महा विद्या जय श्री काल भैरव आदरणीय नाथ संप्रदाय के सिद्ध पुरुषों व ज्ञानियों विद्वानों को गोविंद नाथ देवड़ा की तरफ से आदेश आदेश आदेश आज हमसे एक अति विद्वान पंडित ने पूछा कि हे नाथ जी मैंने कई लोगों से सर्वेश्वरी विद्या के बारे में सुना है क्या आप सर्वेश्वरी विद्या के बारे में जानकारी रखते हैं अगर रखते हो तो कृपया विस्तार पूर्वक बताने की कृपा करें तो  हम उन्हीं विद्वान पंडित जी के प्रश्नों का जवाब बाबा श्री कालभैरव के आदेश अनुसार देने की कोशिश कर रहे हैं यह कोशिश कितने कामयाब होगी यह तो आप लोग ही बताएंगे  आदेश सर्वप्रथम हम आपको सर्वेश्वरी विद्या के मंत्र की जानकारी का ज्ञान देते इस सर्वेश्वरी विद्या के मंत्र का पहला अक्षर है ओंकार अर्थात ब्रहमांड को संतुलित करने वाली ,,उग्रत्तम से उग्रतम उर्जा को भी संतुलित करने वाली शक्ति औकार रुपी ओम है इस मंत्र का दूसरा अक्षर है,, हं अर्थात यह महाबली संकट मोचन हनुमान जी व क्रोध भैरव का भी बीज मंत्र कहलाता  है इस बीज मंत्र से हनुमान जी की पूर्ण कृपा दृष्टि और हनुमान जी की शक्ति साधक को मिल जाती है