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🌹ॐ गुरु गणपतए नमः 🌹
🙏 जय श्री काल भैरव 🙏
🚩 🚩 ॐ शिव गौरक्ष 🚩🚩
आदरणीय नाथ सम्प्रदाय के सिद्ध पुरुषों व ज्ञानीयो विद्वानों को गोविन्द नाथ दैवड़ा कि तरफ से आदेश आदेश
आदेश आज हम से एक ज्ञानी जन ने बहुत सुंदर और अच्छा प्रश्न पूछा की इंसान को अपने जीवन में दुख मुसीबतों के समय में भैरव जी की पूजा क्यों करनी चाहिए तो हम बाबा काल भैरव की प्रेरणा अनुसार जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं और यह कोशिश कितनी कामयाब होगी यह तो आप लोग बताएंगे
जो हमारे भय को हर लेते हैं अर्थात जो हमारे सभी प्रकार के भय को जड़ से ही समाप्त कर देते हैं उन्हीं को भैरव कहते हैं भैरव ऐसे देव है जिनका इस कलयुग में प्रत्यक्ष रूप से बहुत जल्द ही पर्चा अर्थात असर मिलता है जिससे आम इंसान से लेकर बड़े-बड़े तांत्रिक भी घबराते हैं लेकिन भैरव उग्र होने के साथ सौम्य भी है शांत भी है और
ये तामसिक प्रवृत्ति के लोगो के लिए उग्र है तो सात्विक प्रवृत्ति के लोगों के लिए सौम्य भी है भैरव शिव शक्ति के स्वरूप भी हैं और इनकी पूजा 52 रूपों में भी की जाती है ज्यादातर साधकों मैं काल भैरव तथा बटुक भैरव बहुत ही विख्यात है इन दोनों रूप में कई तांत्रिक सिद्ध पुरुष भैरव की उपासना भी करते हैं लेकिन तंत्र जगत में से 8 प्रकार के रूप विख्यात है जो इस प्रकार है कि
चार भैरव शिव स्वरूप है
चार भैरव शक्ति स्वरुप है
शिव स्वरूप भैरव इस प्रकार हैं,,,
1 क्रोध भैरव
2 सहांर भैरव
3 भीषण भैरव
4 असितांग भैरव
शक्ति स्वरुप भैरव इस प्रकार है
1 कपाल भैरव
2 चण्ड भैरव
3 उन्मक्त भैरव
4 रुरु भैरव
भैरव के अन्य कई नाम भी है जैसे
रूद्र भैरव (अर्थात् )रुद्र अवतार महाशिव
अंसिताग भैरव (अर्थात) असीतांग भगवान महाशिव
चंड महाभैरव (अर्थात) चण्डी महाकाली रूपी महाशिव
क्रोध भैरव (अर्थात )क्रोध स्वरूप धारण करने वाले महाशिव
उन्मत्त भैरव (अर्थात) तंत्र मंत्र और यंत्र विद्या दान करने वाले तंत्रोक्त महाशिव
कपाल भैरव (अर्थात )नरकपाल धारी महाशिव
भीषण भैरव (अर्थात )उग्र स्वरूप धारण करने वाले महाशिव
संहार भैरव (अर्थात) दुष्ट प्रवृत्तियों का संहार करने वाले महाशिव
बटुक भैरव (अर्थात) धरती पर भरण पोषण करने वाला महाशिव
काल भैरव (अर्थात )आकाश रूपी शांत चित्त निर्मल स्वरूप वाले महाशिव
शमशान भैरव (अर्थात )श्मशान मे रहने वाले महाशिव
स्वर्ण भैरव (अर्थात) सोने में रहने वाले महाशिव
भूत भैरव (अर्थात) भूत के रूप में रहने वाले महाशिव
पिशाच भैरव (अर्थात) पिशाच के रूप में रहने वाले महाशिव
प्रेत भैरव (अर्थात) प्रेत के रूप में रहने वाले महाशिव
समस्त रूपों में रहने वाले शिव को समस्त भैरव कहा जाता है
कई जन्मों के पुण्य के बल पर भैरव पूजा करने की इच्छा अर्थात वृत्ति इंसान के मन में उत्पन्न होती है
और लाखों-करोड़ों पुण्य के दम पर किसी एक विरले इंसान को गुरु दीक्षा के रूप में स्वतः ही अर्थात बिना मर्जी के भैरव उपासना का मंत्र मिलता है
और अरबो पुण्य के दम पर कोई विरला इंसान हि भैरव जी की मंत्र साधना कर सकता है
भैरव जी के सांसारिक स्वरूप भी है जैसे
पुलिस भैरव --- जो अन्याय करने वाले दुष्ट प्रवृत्ति वाले मनुष्य के लिए विनाशकारी है
सेना के फौजी भी भैरव का ही स्वरूप है वह अपनी मातृभूमि की रक्षा करने हेतु दुश्मनों का संहार करने वाले ---- संहार भैरव है
डॉक्टर भी एक प्रकार से सभी बीमारियों का संहार करने वाले ---- संहार भैरव है
अगर कोई इंसान इन काल भैरव बाबा की की कृपा प्राप्त करना चाहता है और अपने जीवन को समस्त प्रकार के दुखों से दूर करना चाहता है तो
महाकाल भैरव और महाकाल भैरवी के चांदी में बने यंत्रों को धारण करना चाहिए यदि आप चाहे तो यंत्र मात्र 2100 रुपए में इस नंबर 8058214450 पर पर्सनल रूप से संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं
वैसे भैरव जी की महिमा करने में तो वेद पुराण भी असमर्थ माने गए है
अगर कोई इंसान इन 8 भैरव में से किसी भी भैरव की उपासना करें ,,तो 52 भैरव की कृपा उस इंसान को मिल जाती है भैरव हर प्रकार के भय को मिटाने के लिए सक्षम है कुछ ऐसे भी साधक होते हैं जो हठयोग द्वारा भैरव की साधना करते हैं तो कुछ ऐसे भी साधक होते हैं जो भक्ति भाव से भैरव की साधना भक्ति करते हैं यह भैरव दोनों प्रकार के साधकों के साथ अदृश्य रूप में रहकर इनकी सुरक्षा करते हैं तथा उनके संकल्पों को सिद्ध करने में प्रयत्नशील रहते हैं
भैरव साक्षात शिव शक्ति का स्वरुप ही है इसलिए यह शिव समान भोले ,दयावान ,कृपालु है तो मां शक्ति अर्थात् मां भद्रकाली के समान उग्र भी है क्रोधी भी है इसलिए इनकी मन्त्र साधना मैं गलती होने पर ये तुरंत सजा भी दे देते हैं इसलिए आम इंसान भैरव से घबराता भी है किंतु भैरव भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्रदान करते हैं
इनकी मंत्र साधना वही इंसान कर सकता है जो अपने जीवन का मोह त्याग कर सके क्योंकि भैरव समर्पण भाव देखते हैं अगर आप अपने जीवन का मोह रखते हैं और सिर्फ स्वार्थ के लिए ही इनकी मंत्र साधना करते हैं तो आपके मंत्र साधना कभी फलित नहीं हो सकती उल्टा नुकसान हो जाता है इसीलिए अपने जीवन से मोह त्याग कर भैरव की उपासना करने से भैरव सभी भय से मुक्त कर भोग और मोक्ष दोनों ही प्रदान करते हैं
आदेश आदेश

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